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काव्यस्थली साहित्यिक मंच: साहित्य का सुवासित उपवन

 

नजर इंडिया 24

जयपुर – साहित्य जगत में जब भी सृजनात्मकता, सम्मान और आत्मीयता से जुड़े किसी मंच की चर्चा होती है, तो ‘काव्यस्थली साहित्यिक मंच’ का नाम आदरपूर्वक लिया जाता है। यह मंच मात्र एक ऑनलाइन समूह नहीं, बल्कि एक सजीव भावनात्मक फुलवारी है, जहाँ कविता, गीत, ग़ज़ल, दोहे और मुक्तक जैसे साहित्यिक पुष्प प्रतिदिन अपनी खुशबू बिखेरते हैं। इस मंच की स्थापना डॉ. सुनीता शर्मा ने उस उद्देश्य से की थी, जहाँ हर कलमकार को न केवल रचनात्मक अभिव्यक्ति का अवसर मिले, बल्कि उसे उचित सम्मान और स्नेहपूर्ण वातावरण भी प्राप्त हो। उन्होंने इस मंच को केवल एक संगठन नहीं, बल्कि साहित्य साधकों के लिए एक आत्मीय परिवार के रूप में विकसित किया। मंच के एडमिन पैनल की भूमिका इस फुलवारी के माली के रूप में देखी जा सकती है। वे लगातार इस सृजनशील बगिया की सिंचाई कर रहे हैं सादगी, सेवा और समर्पण के जल से। यही कारण है कि आज यह मंच देश-विदेश के रचनाकारों का सबसे चहेता और प्रशंसित मंच बन चुका है। यहाँ नवोदित रचनाकारों को मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिलता है, तो वरिष्ठ साहित्यकारों को आदर और मंच। काव्यस्थली के आयोजन, रचना-आह्वान, विशेषांक और सम्मान समारोह साहित्यिक जीवन में नई ऊर्जा का संचार करते हैं। इस मंच ने अनेक रचनाकारों को पहचान दिलाई है और उन्हें साहित्य के उजले पथ पर अग्रसर किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंच पर सम्मान केवल औपचारिक नहीं, बल्कि आत्मिक होता है। यहाँ हर शब्द को महत्त्व मिलता है, हर भाव को समझा जाता है और हर रचनाकार को सराहा जाता है। काव्यस्थली वास्तव में एक ऐसा मंच है, जहाँ कविता केवल लिखी नहीं जाती, बल्कि जी जाती है। इस मंच की लोकप्रियता का कारण न केवल इसकी व्यवस्थागत मजबूती है, बल्कि वह पारिवारिक वातावरण है, जो हर सदस्य को अपनेपन का अहसास कराता है। वर्तमान समय में जब मंचों की भरमार है, काव्यस्थली अपनी अलग पहचान इसलिए बनाए हुए है, क्योंकि यह मंच ‘नाम’ से नहीं, ‘काम’ से आगे बढ़ता है। यह मंच उन सभी साहित्य साधकों के लिए एक आदर्श उदाहरण है जो सृजन, समर्पण और संस्कार को साथ लेकर चलना चाहते हैं।

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