विश्व की प्राचीनतम और देव वाणी संस्कृत- -भूपेंद्र पारीक
श्रावणी पूर्णिमा पर संस्कृत दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया

डॉ.अमर सिंह धाकड़ । ब्यूरो चीफ, नजर इंडिया 24
जयपुर। राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, मंशारामपुरा में श्रावणी पूर्णिमा के अवसर पर संस्कृत दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं सामूहिक पूजा-अर्चना के साथ हुआ। विद्यालय के बालकों ने संस्कृत गीत प्रस्तुत किए तथा संस्कृत स्लोगन गूंजाकर वातावरण को संस्कृति और श्रद्धा से भर दिया। संस्कृत दिवस के साथ-साथ रक्षाबंधन पर्व भी मनाया गया, जिसमें सभी बालक-बालिकाओं को तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधा गया और मिठाई वितरित की गई।
संस्था के प्रधानाचार्य भूपेंद्र कुमार पारीक ने संबोधन में कहा कि संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है, जो देवताओं और वेदों की भाषा मानी जाती है। वहीं डॉ. कानाराम कुमावत ने कहा कि कंप्यूटर युग में भी संस्कृत विश्व की सबसे समृद्ध और परिमार्जित भाषा है।कार्यक्रम का मंच संचालन गिरिराज शर्मा ने किया। इस अवसर पर किरण कंवर, महेश शर्मा, नवलकिशोर शर्मा, रमेश जलथानियां, गजेन्द्र सिंह, अनुराग शर्मा, सुमन ढाका, सुशीला जाट, पिंकी शर्मा, कोमल शर्मा सहित विद्यालय के सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।